Site icon Vibrant Bharat

बगलामुखी चालीसा: पाठ, लाभ और महत्व

An intricately designed idol of Maa Baglamukhi, decorated with golden ornaments and flowers, representing divine power and victory as celebrated in the Baglamukhi Chalisa

बगलामुखी चालीसा देवी बगलामुखी को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र स्तोत्र है। यह चालीसा शक्ति और विजय की देवी, माँ बगलामुखी की महिमा का गुणगान करती है। देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं और उन्हें शत्रु नाश, वाणी को नियंत्रित करने और नकारात्मकता को समाप्त करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। चालीसा में 40 छंद हैं जो माँ के स्वरूप, शक्ति और करुणा का वर्णन करते हैं।

इस चालीसा का पाठ भक्त अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने, कानूनी मामलों में विजय पाने, और आध्यात्मिक शांति हेतु करते हैं। माँ बगलामुखी की आराधना उनके भक्तों को मानसिक और भौतिक सुख प्रदान करती है।

बगलामुखी चालीसा के श्लोक

दोहा

नमो महाविधा बरदा, बगलामुखी दयाल।
स्तम्भन क्षण में करे, सुमरित अरिकुल काल॥

चौपाई

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी। |1|
भक्त वत्सला शत्रु नशानी, नमो महाविधा वरदानी। |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा। |3|
स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना। |4|

स्वर्णभूषण सुंदर धारे, सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे। |5|
तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, धारे मुद्गर पाश कराला। |6|

भैरव करे सदा सेवकाई, सिद्ध काम सब विघ्न नसाई। |7|
तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकुल धारा। |8|

तुम काली तारा भुवनेशी, त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी। |9|
छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी। |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्रीं बीज के बीज बिराजे। |11|
दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन। |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता। |13|
साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता। |14|

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी। |15|
तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम हित कल्यानी। |16|

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाश कर कीलक तन को। |17|
हाथ पांव बाँधहु तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके। |18|

चोरो का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे। |19|
अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे। |20|

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट। |21|
ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे। |22|

सुमरित राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे। |23|
नाग सर्प ब्रर्चिश्रकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर। |24|

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलच्चाटन कारी। |25|
स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक। |26|

तुमको सदा कुबेर मनावे, श्री समृद्धि सुयश नित गावें। |27|
शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता। |28|

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता। |29|
पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो माता बगला महारानी। |30|

जो तुमको सुमरै चितलाई, योग क्षेम से करो सहाई। |31|
आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो। |32|

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूँ निहोरी। |33|
मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ शरणागत आया। |34|

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा। |35|
नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता। |36|

सोम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता। |37|
रोद्र रूप धर शत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो। |38|

नमो महाविधा आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा। |39|
अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता। |40|

दोहा

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।
मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल॥

इति बगलामुखी चालीसा।

धार्मिक महत्व

बगलामुखी चालीसा के लाभ

बगलामुखी चालीसा का पाठ भक्तों को कई आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्रदान करता है:

  1. शत्रु पर विजय: चालीसा माँ बगलामुखी की शक्ति को समर्पित है, जो शत्रुओं को पराजित करती है।
  2. संकट का समाधान: कानूनी विवादों और जीवन की समस्याओं को समाप्त करती है।
  3. नकारात्मकता से सुरक्षा: बुरी ऊर्जा, बुरी दृष्टि और बुरी शक्तियों से बचाती है।
  4. धन, सुख और सफलता: मानसिक और भौतिक समृद्धि प्रदान करती है।
  5. रोग और बाधाओं का नाश: सभी प्रकार के रोग और बाधाओं को समाप्त करती है।

विशेष अवसर

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

माँ बगलामुखी को दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है। वह पीले वस्त्र धारण करती हैं और उन्हें “पीताम्बरा” भी कहा जाता है। देवी का चित्रण स्वर्णासन पर विराजमान, हाथ में मुद्गर (गदा) और शत्रुओं को शांत करते हुए किया गया है। उनकी पूजा का उल्लेख तंत्र शास्त्र में मिलता है। मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में देवी बगलामुखी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां भक्त बड़ी संख्या में उनकी आराधना करते हैं।

मुख्य विषय और संदेश

मुख्य विचार

  1. शक्ति और सुरक्षा: माँ बगलामुखी शत्रुओं को पराजित करने और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी हैं।
  2. विजय और सफलता: जीवन में हर प्रकार की विजय और सफलता प्राप्त करने का प्रतीक।
  3. भक्ति और करुणा: माँ की कृपा पाने के लिए भक्ति और श्रद्धा का महत्व।

प्रतीकात्मकता

पाठ और अनुष्ठान की विधि

तैयारी

  1. पूजा स्थल को स्वच्छ करें और देवी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  2. दीपक जलाएँ और पीले फूल चढ़ाएँ।

भोग

पाठ की विधि

चालीसा की संरचना

प्रारूप

  1. आवाहन: माँ बगलामुखी के गुणों और शक्तियों का आह्वान।
  2. मुख्य छंद: देवी के स्वरूप, शक्ति और कार्यों का वर्णन।
  3. समापन: माँ से प्रार्थना और आशीर्वाद की याचना।

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

समुदाय में महत्व

माँ बगलामुखी की चालीसा का पाठ मंदिरों, सामूहिक पूजा और व्यक्तिगत साधना के दौरान किया जाता है। भक्त तांत्रिक अनुष्ठानों के साथ चालीसा का पाठ करते हैं ताकि इसके प्रभाव को बढ़ाया जा सके।

त्योहार और पूजा

चालीसा का पाठ नवरात्रि जैसे त्योहारों पर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

बगलामुखी चालीसा शत्रु नाश, सुरक्षा और शांति प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इसके नियमित पाठ से नकारात्मकता और बाधाओं का नाश होता है। माँ बगलामुखी की कृपा भक्तों को मानसिक शांति, भौतिक सुख, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है। इस चालीसा का पाठ हमें माँ की अनंत शक्ति और उनकी करुणा की अनुभूति कराता है। भक्त इसे अपनी दैनिक साधना में शामिल कर सकते हैं ताकि उनके जीवन में माँ बगलामुखी की कृपा सदैव बनी रहे।

Exit mobile version