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माँ महागौरी पूजा 2024: पवित्रता और मोक्ष के लिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Illustration of Goddess Mahagauri, a form of Goddess Durga, seated on a white bull. She is adorned in white attire, holding a trident in one hand and giving blessings with the other, with a serene glow and a radiant halo in the background.

नवरात्रि के आठवें दिन माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप माँ महागौरी की पूजा की जाती है। “महागौरी” का अर्थ है “बहुत उज्ज्वल या गोरी”, और उनके इस रूप को शांति, पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक माना जाता है। माँ महागौरी का रूप अत्यंत सुंदर, उज्ज्वल और श्वेत वस्त्र धारण करने वाला है। उनका वाहन बैल (वृषभ) है और वे चार हाथों वाली देवी हैं। एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू धारण करती हैं, जबकि उनके अन्य दो हाथ आशीर्वाद और अभय मुद्रा में होते हैं।

माँ महागौरी आध्यात्मिक शुद्धि और मोक्ष की देवी हैं। उनकी पूजा से भक्तों के सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं, और वे जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का अनुभव करते हैं। माँ महागौरी की कृपा से आत्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:

माँ महागौरी की पूजा से भक्तों को पवित्रता, शांति और मोक्ष का आशीर्वाद मिलता है। उनका उज्ज्वल और श्वेत स्वरूप इस बात का प्रतीक है कि उनकी पूजा से जीवन के सभी कष्ट और पाप धुल जाते हैं। माँ महागौरी को जीवन में स्थिरता, सौभाग्य, और दिव्यता प्रदान करने वाली देवी माना जाता है।

माँ महागौरी की पूजा से मूलाधार चक्र की शुद्धि होती है, जो हमारे शरीर और आत्मा को संतुलित करता है। यह चक्र हमारी मूलभूत आवश्यकताओं, सुरक्षा और स्थिरता का केंद्र है। इस चक्र के जागरण से व्यक्ति को जीवन में स्थिरता और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त:

माँ महागौरी पूजा के लिए तैयारी:

माँ महागौरी पूजा की विधि:

  1. पूजा स्थल की स्थापना:
    • माँ महागौरी की प्रतिमा या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें। उनके समक्ष दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
    • पूजा स्थल को सफेद फूलों से सजाएं, जो पवित्रता और शांति का प्रतीक हैं।
  2. पूजा की प्रक्रिया:
    • माँ महागौरी का ध्यान करते हुए निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जप करें:
      मंत्र:
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥
  1. माँ को नारियल, सफेद मिठाई और दूध अर्पित करें, जो उनकी पूजा में विशेष महत्व रखता है। यह प्रसाद शुद्धता और सौभाग्य का प्रतीक है।
  2. आरती:
    • मंत्र जप के बाद माँ महागौरी की आरती करें। आरती के समय माँ से शांति, सुख, और समृद्धि की प्रार्थना करें।
  3. प्रसाद वितरण:
    • पूजा समाप्त होने के बाद, नारियल और सफेद मिठाई का प्रसाद अर्पित करें और इसे परिवार के सदस्यों और भक्तों में बांटें। माँ से जीवन में सुख, शांति, और शुद्धि की कामना करें।

माँ महागौरी पूजा का महत्व:

माँ महागौरी की पूजा करने से जीवन में पवित्रता, शांति और मोक्ष का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनके उज्ज्वल स्वरूप से जीवन के सभी पाप और कष्ट समाप्त होते हैं। माँ महागौरी की कृपा से मूलाधार चक्र का जागरण होता है, जिससे व्यक्ति को स्थिरता, आत्मिक शांति और सुरक्षा प्राप्त होती है।

माँ महागौरी की पूजा विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी मानी जाती है, जो जीवन में मानसिक और आत्मिक शांति की खोज कर रहे होते हैं। उनकी कृपा से सभी प्रकार की नकारात्मकता और अशुद्धियाँ दूर होती हैं और व्यक्ति मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।

पूजा में क्या करें और क्या न करें:

निष्कर्ष:

माँ महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है, जो पवित्रता, शांति और मोक्ष का प्रतीक है। उनकी पूजा से भक्तों को जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। माँ महागौरी की कृपा से मूलाधार चक्र का जागरण होता है, जिससे व्यक्ति को स्थिरता, आत्मिक शांति, और सुरक्षा प्राप्त होती है।

माँ महागौरी की पूजा से आप अपने जीवन में पवित्रता और आत्मिक शांति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। उनकी कृपा से जीवन के सभी कष्ट और पाप समाप्त होते हैं और व्यक्ति मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।


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